Smokers: स्मोकर्स के साथ रहने से कैंसर का खतरा 51% तक ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लांसेट के अध्ययन में दावा किया गया है कि सैकंड—हैड स्मोकिंग कैसर होने का 10वां सबसे बड़ा कारण है। जो लोग स्मोकर्स के पास रहते हैं उनमें कैंसर की आंशका सामान्य की तुलना में 51 फीसदी तक होती है। रिर्पाट में कहा गया है कि सैकंड हैंड स्मोकिंग का दुष्प्रभाव सभी पर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति घर में स्मोकिंग करता है तो उसके बच्चों पर भी इसका ज्यादा दुष्प्रभाव देखने को मिला हे। ऑफिस, बार, रेस्तरां और कैसीनों के साथ—साथ अन्य जगहों पर भी सिगरेट न पीने वाले लोग सेकंड हैंड धुएं के संपर्क में आते है। सेकंड धुएं के संपर्क में आते है। सेकंड हैंड धुआं बच्चों और वयस्कों में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता हे। कभी—कभी यह ज्यादा घातक भी हो सकता है। अमरीकी रोग नियंत्रण केंद्र के मुताबिक, तंबाकू के धुएं में 7,000 से अधिक जहरीले रसायन होते है। 1964 के बाद से धूम्रपान नहीं करने वाले करीब 25 लाख लोगों की सेकंड—हैंड धूएं के संपर्क में आने से मौत हो चुकी है। इससे बचाव के प्रभावी तरीका है कि तत्काल धूम्रपान को छोड़ दिया जाए। छोड़ने के दिन फायदा होता है।
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इन कारणों से भी हो सकता है कैंसर
इनके बाद, असुरक्षित यौन संबंध, रक्त में शर्करा की अधिक मात्रा, वायु प्रदूषण, एस्बेस्टस के प्रदूषण के संपर्क में आने, साबूत अनाज और दूध की कम मात्रा वाले आहार तथा धूम्रपान करने वाले अन्य व्यक्ति के आसपास मौजूदगी भी इसके कारकों में शामिल हैं। इन कारकों से 2019 में 37 लाख लोगों की मौत हुई थी।
कैंसर की सबसे बड़ी वजह है तंबाकू
2025 तक कैंसर का सबसे आम रूप ब्रेस्ट कैंसर (2.4 लाख) होने का अनुमान है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के 1.1 लाख मामले तथा मुंह के कैंसर के 90 हजार मामले सामने आ सकते हैं। भारत में कैंसर के कुल मामलों का करीब 27 प्रतिशत तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है।