डायबिटीज (Diabetes) एक पुरानी बीमारी है जो या तो तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। मधुमेह मेलेटस बीमारियों के एक समूह को संदर्भित करता है जो प्रभावित करता है कि आपका शरीर रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का उपयोग कैसे करता है।

डायबिटीज (Diabetes) एक पुरानी बीमारी है जो या तो तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। मधुमेह मेलेटस बीमारियों के एक समूह को संदर्भित करता है जो प्रभावित करता है कि आपका शरीर रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का उपयोग कैसे करता है।

जुकाम का संक्रमण होते ही शरीर के हारमोन्स संक्रमण से लड़ने लगते हैं। इसकी वजह से इंसुलीन ठीक से इस्तेमाल नहीं हो पाती है और ब्लड शुगर बढ़ जाती है। जुकाम होने के साथ ही टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों की शुगर को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि ब्लड में एसिड जमा होने लगता है और जान पर बन आती है। यदि आप बूढ़े हैं और टाइट-2 डायबिटीज के रोगी हैं तो बहुत बढ़ी हुई शुगर के कारण आप डायबिटिक कोमा में भी जा सकते हैं। हर बार चैक करें शुगर जुकाम का सामना कर रहे मधुमेह के रोगियों को हर तीन या चार घंटे में ब्लड शुगर लेवल चैक करना चाहिए।

नीम का रस (निबौता) बहुत मुश्किल से मिलता है अगर यह (निबौता) आपको मिल गया तो शुगर का इलाज के लिए रामबाण साबित होता है। नीम का रस (निबौता) मधुमेह की अचूक दवा है। डायबिटीज के रोगियों के लिए इसका सेवन रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में दो चम्मच नीम का रस (निबौता) मिलाकर पीना चाहिए। नीम का रस (निबौता) से शुगर की बीमारी जड़ से ख़त्म हो सकती है।

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जुकाम में भूख लगनी ही बंद हो जाती है। कुछ न खाने से शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती है उससे हालत और खराब हो जाएगी। इसलिए कुछ न कुछ तो खाते रहना ही चाहिए। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन का सुझाव है कि हर घंटे कम से कम 15 ग्राम कार्बोहाईड्रेट्‌स की खुराक लेनी चाहिए।

यदि जुकाम के साथ बुखार भी है और उल्टियां भी हो रही हैं तो तरल पेय लेना ठीक होता है। जुकाम से बचाव का सबसे सरल तरीका है पब्लिक प्लेसेस में न जाएं और संक्रमित लोगों के संपर्क में न आएं। मधुमेह के रोगियों के लिए जुकाम ही नहीं बल्कि हर रोग के संक्रमण से बचना ठीक होता है।

डायबिटीज (Diabetes) की दवाएं और इंसुलीन पंप को फ्रीज होने से बचा लें। अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखें। विटामिन सी और विभिन्ना किस्म के फलों के साथ सब्जियों का सलाद रोज खाएं। खून में शुगर की मात्रा का अंदाजा न लगाएं बल्कि कंफर्म टेस्ट कराते रहें। हाथों और पैरों कोकभी ठंडा ना होने दें। अक्सर शुगर के मरीज सर्दियों में गर्म कमरों से नहीं निकलना चाहते। वे हीटर के पास बैठकर बदन को गर्म रखना चाहते हैं लेकिन यह हमेशा ठीक नहीं होता। अपना शारीरिक मूवमेंट कायम रखें क्योंकि इसी से खून का संचार पूरे शरीर में लगातार होता रहेगा।

डायबिटीज मरीज को बार-बार जुकाम हो जाएं तो क्या करें उपाय

 

Disclaimer: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। झलको खबर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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